Tuesday, May 26, 2009

िकःसा चुदाई िक रात का

िकःसा चुदाई िक रात का
िकःसा हैयेचुदाई िक रात का
उस रात मेरेमन में ना जानेक्या झमेला था
क्योंिक मैं घर पर एकदम अकेला था
अकेलेपन में मैं तन्हाई के गीत गुनगुना रहा था
और बीच बीच में अपनेलन्ड को भी िहला रहा था
क्योंिक िकसी कन्या क ख्याल आतेही येिदल बड़ा हो जाता है
येमासूम लन्ड भी इसकी तमन्ना समझतेहुए खुद ही खड़ा हो जाता है
अब हैतो खड़ा होगा ही
छोटा हैतो बड़ा होगा ही
अचानक मुझेलगा िक कोई बुदबुदा रहा है
िदमाग गंदा हो तो लगता हैिक कोइ चुदवा रहा है
मैनेदरवाजा खोला तो वहांएक गोरी थी
उसके मम्में और गान्ड देख कर लग रहा थी िक आज तक कोरी थी
मैनेउसेअपनेघर में अन्दर बुला िलया
ठंड बहुत थी सो मैनेकुन्डा लगा िदया
मैनेमाज़रा पूछा तो पता चला वो राःता भूल गयी
मेरी िहम्मत भी उसकी हालत देख के खुल गयी
मैनेउसेबाहों में भर िलया था
क्योंिक उसेचोदनेका पक्का इरादा कर िलया था
वो मेरी बांहों में आकर शरमा रही थी
और मेरी सांसों की गरमी सेवो भी गरम हुई जा रही थी
मैनेधीरेसेएक हाथ उसके मम्मों पर धर िदया
इन हाथों नेही उसका सारा काम कर िदया
मेरा दसू रा हाथ उसकी चूत पेथा
और धयान उसके सूट पेथा
आिखर उसकी जवानी को जो संवारना था
इसिलयेउसका सूट भी उतारना था
मैनें उसकी कमीज़ उतार कर मम्म दबानेशुरू कर िदये
सलवार को अलग िकया और शोट लगानेशुरू कर िदये
वो आहें भर कर मज़ा देरही थी
या यूंकहें िक लड़की होनेकी सज़ा लेरही थी
मेरा लन्ड उसकी चूत के अन्दर था
येभी मज़ का एक मंजर था
वो कह रही थी िक चोदतेरहो चोदतेरहो और चूत को फ़ाड़ डालो
आज अपनेलन्ड सेमेरी चूत में झण्डेगाड़ डालो
मैं भी पूरेदम सेउसेचोदेजा रहा था
और चूत चुदाई के इस खेल में दोनों को मज़ा आ रहा था
मेरेलन्ड सेपानी िनकला तो वो संतु􀆴 हो गयी
नंगी ही वो मुझ्सेिलपट के सो गयी
थोड़ी देर बाद उसनेमेरेलन्ड को पकड़ िलया
मुझेकुछ समझ आता इससेपहलेही अपनेहोठों में जकड़ िलया
वो मेरेलन्ड को चूस रही थी इसिलयेलन्ड खड़ा हो गया
एक बार िफ़र सेयेलन्ड चुदाई के िलयेखड़ा हो गया
अब उसेअपनी गाण्ड मुझसेमरवानी थी
उसकी चूत िक तरह उसकी गाण्ड भी सुहानी थी
मैनेभी पूरी पावर सेअपना लन्ड उसकी गाण्ड में डाला
और एक ही बार में उसकी गाण्ड को फ़ाड़ डाला
उसकी चीख नेमुझेझन्झोड़ िदया
साथ ही मेरेलन्ड नेएक बार िफ़र पानी छोड़ िदया
अब मुझेपता चला मैं कहांथा
िजसमें मैं था वो एक दसू रा ही जहांथा
मैनेगाण्ड और चूत दोनो ही मारी थी
लेिकन यारो सच जो येहैिक मैनें सपनेमें मुठ मारी थी
मेरा अन्डरिवयर एकदम गीला हो गया था
मुठ इतनी जोर सेमारी िक लन्ड भी नीला हो गया था
यारो सपना ही सही लेिकन मज़ा तो िकया
अपनेलन्ड को चूत के अन्दर तो िकया
तो दोःतो ! चोदो, चुदाओ और अपनी लाइफ़ को खुशहाल बनाओ

No comments:

Post a Comment