Tuesday, May 26, 2009

लंड नेहोली मनाई

लंड नेहोली मनाई
दोःतों मैं आपको मेरेजवानी की एक सच्ची घटना सुना रहा हूँ...येवािकया आज का नही है..उस
व􀆠 की बात हैजब मैं कॉलेज मेपढता था..मेरेबड़ेभाई की शादी हो गई थी..मेरी उमर २१ साल
की थी..िदखानेमेशुरू सेही ःमाटर् था मेरा लंड ७.५ इंच का हैऔर उसका सुपाड़ा काफी मोटा है..
अब तक मैंनेिसफ़र् २ बार ही चुदाई की थी..और मैं अपनी भाभी को देख कर मूठ मार िलया करता
था...वैसेमैं मौके की तलाश मेथा की भाभी की रसीली और गदराई चूत मेकब मेरा मोटा लंड दाल
कर उसेफाड़ दंगू ा..क्युकी मेरेभाई का लंड िसफ़र् ५ इंच का और पतला सा हैयेमुझेमालूम था..
भाभी को मैंनेकई बार मेरेलंड की झलक िदखाई है..और उसकी आंखों मेमैंनेइस मोटेलंड से
चुदानेकी प्यास भी देखी है.. खैर येबात हैहोली की...भै􀃡या भाभी के साथ पहली होली मनाने
अपनी ससुराल के गाँव चलेगए थे ..और उनका साला और उसकी बीवी अचानक हमारेघर आ
गए..उस व􀆠 घर मेमैं माँऔर 􀇒पताजी ही थे...मैं होली मेरंग खेलना पसंद नही करता..इसिलए मैं
छत पर बैठकर एक िकताब पढनेलगा..भी का साला..सुधीर और उसकी बीवी दोनों होली खेल रहे
थे..हमारेघर के सामनेबहुत बड़ा आँगन है..उसमेआस पड़ोस के लोग भी आए हुए थे..मैं ऊपर से
ही होली की मःती देख रहा था.. िफ़र मैं अपनी िकताब मेमगन हो गया...कुछ देर के बाद भाई के
सालेकी बीवी..िजसका नाम अनािमका है..वो मेरेपीछेसेआई और उसनेमेरेचहरेपर रंग लगा
िदया..मैंनेभी उसके हाथों सेरंग छीन िलया और उसके पीछेदौड़..वो बच नही पायी मैंनेउसे
पकड़ा और उसेपूरेरंग सेसराबोर कर िदया..इसी बीच मेरा हाथ उसकी चुिन्चयों पर लग गया
और वो दब भी गयी..लेिकन मेरा 􀃚यान नही गया..उसके मंुह से..स.्.स.्.स.्.स.्स.्स.्स.्स.्स.् की
आवाज़ िनकली तब मैं समझा की क्या हो गया..मैं शरमा गया..उसनेबड़ी काितल नज़र सेमेरी
तरफ़ देखा..वो मेरी तरफ़ देखती हुई जानेलगी..लेिकन वो नीचेनही गई.. छत पर एक बाथरूम
है..जो की बहुत ही बड़ा है..उसमेबाथटब भी हैऔर पूरेआधुिनक तरीके सेबनाया गया है.वो उस
बाथरूम के पास गई और मुझेअपनेपास इशारेसेबुलाया..मैं भी उसके करीब गया..उसनेधीरेसे
कहा..जरा नीचेदेखो.. मैंनेदेखा...उसनेअपनी सलवार नीचेकर ली थी..और उसकी चूत की झांटे
िदख रही थी...बहुत बाल थेउसकी चूत पर..एकदम घनेकाले...मैं देखता रहा..और मेरेलंड
महाराज हरकत मेआ गए और मेरेपैजामेमेटेंट बना िदया..मैंनेअन्दर च􀃔डी नही पहनी थी..लंड
क्या मानो बोफोसर् तोफ बन गया था..उसनेधीरेसेकहा संजुउऊ..अब सब कुछ मुझेही िसखाना
पड़ेगा क्या?..मैंनेउसेबाथरूम के अन्दर धकेला और दरवाजा बंद कर िदया ..उसेजोर सेमेरी
बांहों मेखीचा और उसके लाल होंठों पर मेरेहोंठ िचपका िदए..मैंनेउसेजो िकस िकया वो बहुत
लंबा था..उसनेभी अपनेहाथों सेमुझेजकड िलया ..मेरा लंड उसके पेट पर लग रहा था..उसका
बदन बहुत ही नरम था..उसकी कड़क चुिन्चंयाँमेरेसीनेमेदब रही थी..इतनेमेउसके पित की
आवाज़ आई... "अन्नूकहाँहो? नीचेचलो भाई." उसनेकहा.."आप चिलए मैं अभी आती हूँ.", वो
नीचेचला गया.तभी उसनेशावर चालूकर िदया और मेरेकपडेउतारनेलगी.. पैजामा खुलतेही
मेरा मोटा लंड उछल कर बाहर िनकल आया.. उसेदेखतेही अनािमका के मुंह सेिनकला.."बाप
रे.. िकतना लंबा है.." िफ़र उसेहाथ सेपकड़नेलगी जो उसकी हथेली मेनही आ रहा था.."इतना
मोटा..मैं तो मर जाउंगी.." िफ़र उसेसहलानेलगी..मैंनेभी उसके कपड़ेखोल िदए..उसनेसलवार
के नीचेपैंटी नही पहनी थी..उसके कमीज़ को मैंनेऊपर करके िनकाल िदया..और ॄा खुल नही रहा
था मैंनेउसके ःशेप तोड़ िदए..और घुन्डी को मसलनेलगा..वो भी कड़क हो कर तन गयी थी.मैंने
एक एक िनपल को मुंह मेलेकर चूसना शुरू कर िदया..वो मेरेलंड सेखेल रही थी...उसनेमेरा एक
हाथ अपनी चूत पर लेगई..ओह.. उसकी चूत पुरी गीली हो रही थी..और झांट के बाल भी िचप
िचपा रहेथे..मैंनेउन्ही के बीच उसकी चूत के दानेको ढूँढा और हाथ सेरगड़नेलगा..उसके मंुह
से..आअह..इश.स.्स.्स.्स.् उफ्फ्फ़..की आवाज़ िनकलनेलगी..वो मेरा िसर नीचेदबानेलगी..मैं
समझ गया की वो चूत चटवाना चाहती है..मैंनेउसेबाथटब के िकनारेपर पैर फैला कर
􀇒बठाया...और मैं उसके अन्दर बैठ गया...उसके पैरों को मैंनेअपनेकंधेपर िलया...उसकी झांट के
बाल मुंह मेआनेलगे..तभी मुझेएक 􀃉याल आया..मैं उठा..और उसेमैंनेपैर फैला के उसेबाथटब
के अन्दर िचत लेटनेके िलए कहा..उसनेपूंछा..क्या करोगे.., मैंनेकहा..तुम्हारी चूत को और
खूबसूरत बनाऊंगा. कहतेहुए मैंनेअपना शे􀇒वंग िकट िनकाला िफ़र..उसमेसेकैं ची िनकाल कर
उसकी झांट को छोटी कर दी..अब उसकी चूत थोडी िदखनेलगी थी..लेिकन उसमेसेपानी टपक
रहा था..िफ़र मैंनेवहाँसाबुन लगाया और मेरेरेज़र सेउसके चूत को शेव करनेलगा..इस मेमेरा
हाथ उसके दानेसेलग रहा था..और उसकी चूत सेऔर पानी िनकल रहा था..पुरी तरह शेव करने
के बाद मैंनेउसेपानी सेसाफ िकया..उफ़.गुलाबी रंग की चूत..मेरेतो होंश उड़ गए..􀇒बल्कुल िकसी
सोलह साल की लड़की की चूत लग रही थी..
मैं उसकी गुलाबी चूत को देखता ही रहा..उसनेपूंछा..क्या देख रहे?..तुम्हारी नशीली चूत को..लो
तुम भी देखो..और मैंनेउसेबड़ेआईनेके सामनेमुंह करनेको कहा...उसनेअपनेपैर अच्छेसे
फैला के देखा..और उसके मुंह सेभी िनकल गया..हाय इतनी सुंदर..येतो मेरेबचपन की चूत
है..अब मैंनेउसकी चूत पर हाथ फेरा..और दानेको सहलातेहुए गीलेचूत मेऊँगली डाली..वो
उछल पड़ी..आअह..उईई माँ..और िफ़र मैंनेउसेपैर फैला के ऊपर 􀇒बठाया और उसकी चूत को
चूमा.. .उफ़..स.्स.्स.् .स.्स.् .आअह..चाटो ..जीभ अन्दर डालो..आअह..वो इतनी देर मेबहुत गरम
हो चुकी थी..और कहनेलगी संजूअब येलंड डाल दो...मत तड़पाओ मुझे..लेिकन मैं तो उसकी चूत
के झरनेका पानी पीनेमेमशगूल था..मैंनेउसेनही छोड़ा ..उसनेमेरेलंड को पकड़ िलया और
बोलनेलगी..संजू..तुमनेिकतनी लड़िकयों की चूत बरबाद की हैइस मूसल से..मैंनेकहा..िसफ़र् एक
को..उसनेकहा..िकतना सलोना प्यारा लंड है..लेिकन मुझेडर लग रहा है..मैंनेपूंछा क्यों? तुमने
सुधीर का लंड िलया हैना? उसनेकहा हाँलेिकन वो तो इसका आधा भी नही है.. येतो लंबा भी है
और बहुत मोटा है...कहतेहुए उसकी कमर िहलानेकी ःपीड बढ़ गई..आह संजू.. जू..जू ..मेरा मेरा
िनकल जाएगा..कहतेहुए उसनेचूत को मेरेमंुह पर सटा िदया और मेरा िसर पकड़ के दबाने
लगी..और उसकी चूत सेसचमुच झरनेजैसा पानी िनकल के मेरेमुंह मेिगरनेलगा..मेरा पूरा
चेहरा उसके पानी सेतरबतर हो गया..और वो एकदम ढीली हो गयी...मेरा िसर अपनी चूत से
उसनेहटाया..और मेरेलंड को देखनेलगी.. िफ़र "गप्प" सेउसेपाकर के मुंह मेिलया..उसके मुंह
मेमेरा सुपाड़ा भी नही पूरा जा रहा था..जीभ सेचाटनेलगी..मैंनेिफ़र सेउसकी चूिन्चयाँमसलना
शुरू कर िदया..और हलके सेचूत को सहलानेलगा...करीब दस िमिनट इसी तरह करनेके बाद
मैंनेउसेखड़ा कर िदया..वो दीवार पकड़ के पलट के खड़ी हों गई ..और अपनी चूत को पीछेकी
तरफ़ उभार िदया..मैंनेअब उसकी गोल गोल चूतड़ को देखा..और उसके बीच की खाई..ओह उसे
हाथ सेदबातेहुए फैलाया..ओअह..उसकी गांड का भूरेरंग का नरम नाज़ुक छेद..मेरा लंड तो और
मोटा हों गया जोश मे..मैंनेलंड को एक हाथ सेपकड़ा और उसकी गांड और चूत तक 5-6 बार
िफराया..वो कहनेलगी राजा मत तड़पाओ..मैं मर जाउंगी..
उसनेजैसेही ऐसा कहा मैंनेअपनेलंड को उसकी चूत के गुलाबी छेद पर िटकाया और उसकी
पतली कमर पकड़ के धीरेसेदबाया..उसके मुंह सेचीख िनकल गई..आह...ओह..माँ...मर
गई.इ.इ.ई.इ.ई. .िनकालो.. ओ.ओ.ओ.ओ संजू.उ.उ. इसेिनकालो..मैं मर जाउंगी..बहुत ददर् हो रहा
है..मार डाला...अभी िसफ़र् लंड का सुपाड़ा ही अन्दर गया था..और उसकी चूत के मुंह को खोलता
हुआ..फंस गया था.. चूत का मंुह फ़ैल गया था और मेरेलंड के सुपाड़ेको कस के जकड िलया
था..मैंनेकमर सेहाथ ऊपर लेजा के उसकी चुिन्चयों को पकड़ िकया और मसलनेलगा..लंड चूत
के मंुह मेफंसा हुआ था....मैंनेउसके पीछेसेचूमतेहुए अब एक जबरदःत धक्का लगाया मेरा लंड
पुरा अन्दर घुस गया और उसकी चूत सेखून की 􀇒पचकारी िनकली.. और लंड को रंग िदया..वो
रोनेलगी वो बहुत जोर सेचीखी थी.. .आ ..आ..आ..आ. आ..आ..आ. .आ. आ.. आ.आह.....मर
गई.ई.ई. ई.ई.ई.ई.ई...संजय पूरा डाल िदया..िकतनेबेरहम हो..मैंनेकहा..तुम्हारी चूत को देख कर
मैं वैसेही बेकाबूहो चुका था..ओअह ..लेिकन मेरी चूत फट गई..खून की बूँद नीचेफशर् पर टपक
रही थी....उसकी चीख इतनी तेज थी..की बाहर सेउसके पित सुधीर की आवाज आई..क्या हुआ?
वो िकसी तरह सेबोली.."कुछ नही..नहातेहुए पैर िफसल गया मैं िगर गयी ." वो बोला.अभी
नहानेकी क्या जरुरत थी...बाद मेनहा लेती..उसनेकहा "आपको कुछ करना नही है..मुझेतो
मेहमानों को देखना हैऔर उनके िलए खाना भी बनाना है " सुधीर बोला "ठीक हैठीक सेनहा लो
लेिकन सम्हाल कर.." इतना कह कर वो चला गया..मैं िफ़र सेधक्के देनेलगा..उसका ददर् बढ़ रहा
था..लेिकन मैंनेअब बहुत हलके सेउसेचूमतेहुए और चंूची मसलतेहुए..धक्के चालूरखे.. िफ़र
उसका ददर् थोड़ा कम होनेलगा...उसनेभी पीछेकमर को लातेहुए लंड को अन्दर लेना शुरू
िकया..मैंनेधक्के की ःपीड बढ़ा दी..अब िसफ़र् सुपाड़ेको अन्दर रख कर पूरा लंड बाहर खींच कर
धक्के लगानेलगा.. उसके मंुह सेिससिकयाँिनकलनेलगी..स.्.स.्.स.्स.्स.्स.्स.्स.्.स.्.
आ..आ...आ...आ..उफ़...ओह संजय..आज मैंनेअसली चुदाई का मजा िलया है....उसनेभी अपनी
गांड जोर सेपीछेलातेहुए लंड को अन्दर लेना शुरू कर िदया..उसकी चूत पानी छोड़ रही
थी..िजससेअब मुझेलंड को अन्दर बाहर करनेमेज्यादा तकलीफ नही हो रही थी..मैंनेअब उसके
चूतडों को दोनों हाथ सेकस के पकड़ िलया था..और वो..आअह...आअह..और जोर से..फाड़ दो..और
अन्दर दो....मेरा िनकल रहा है...ओअह..आअह...इश..श.श.श..श. ...सी..सी..सी...सी..करतेहुए
उसनेदीवार पर िसर िटकाया और उसकी चूत नेबहुत सारा पानी िनकाल िदया..जो की बाथटब के
फशर् पर उसके खून के साथ टपक रहा था एक धार की शकल मे..अब उसनेमेरेलंड को बाहर
िनकालनेके िलए कहा...मुझसेबाथटब के ऊपर िकनारेपर बैठनेके िलए कहा..और िफ़र मेरे
जांघों के दोनों तरफ़ पैर फैलाकर खड़ी हो गई..आगेबढ़ी और मेरेलंड को हाथ सेपकड़ कर
देखा.."देखो कैसा लाल हो गया है..चूत फाड़ कर.." िफ़र उसेपकड़ कर अपनेचूत सेलगाया..िफ़र
लंड को अपनी चूत पर लगाके वो उसके ऊपर हलके सेबैठनेलगी.मैं भी पैर सीधेकर के बैठ
गया..उसकी चूत सेइतना पानी िनकल रहा था की मेरी जांघेगीली हो रही थी.. पानी मेरेजांघों पर
टपक रहा था..पूरा लंड अन्दर लेतेही वो बहुत तेजी सेमेरेलंड पर उछलनेलगी..उसकी चंुिचयाँ
उसकी इस हरकत सेउछल रही थी..मैंनेिनपल मेरेमुंह मेलेिलया और उसकी दोनों चुिन्चयों को
बेदद􀈹 सेमसलनेलगा...उसके मंुह सेओह..हाय....आ. .संजू. .मेरे..राजा..बहुत मजा आ रहा
है...मेरी चूत आज धन्य हो गयी तुम्हारेलंड सेचुदकर..मैंनेउसकी गांड के नीचेहाथ लगाया और
मैं भी अब नीचेसेधक्के लगानेलगा..मेरा भी अब पानी िनकलनेवाला था..उसकी चूत सेपानी
िनकलनेसेबाथ रूम मेफच फच फच..फचा..फच्च..की आवाज़ गूंजनेलगी थी..वो िफ़र सेझड़ने
वाली थी..मुझसेिचपक गई थी वो... मैंनेकस के धक्के नीचेसेलगानेशुरू कर िदए..िफ़र भी
करीब बीस िमिनट के बाद मेरेलंड नेफौवारा छोड़ िदया..मैंनेउसेकस के िलपटा िलया था..और
मेरेसाथ वो िफ़र सेतीसरी बार झड़ गई..मैंनेउसकी चूत को लबालब भर िदया था..मेरा लंड अभी
भी उसकी चूत के अन्दर था..करीब दस िमिनट बाद वो उठी..मैंनेदेखा उसकी चूत की हालत बहुत
ख़राब हो चुकी थी..मुंह पूरा खुल गया था..उसनेअपनी सलवार सेअपनी चूत और मेरेलंड को
साफ िकया..चूत पर हाथ लगातेहुए उसके मंुह सेकराह िनकल गई..िफ़र भी उसनेसाफ िकया
और पानी सेधोया..िफ़र मेरेलंड को चूमा..और कपडेपहन कर बाहर िनकल गई..मैंनेदेखा पूरे
िदन वो अपनेपैर फैला के चल रही थी..मैं जब भी िकचेन मेजाता या कहींवो िमल जाती तो मैं
उसकी चूंची मसल देता या िफ़र गालों पर िकस कर देता..वो शमार् जाती थी..कभी उसकी चूत पर
हाथ लगा देता..वो आह.. कर उठती थी..मैं समझ गया उसकी चूत सूज गई है..
इसी तरह िदन भर छेड़खानी चलती रही..मैंनेधीरेसेउसके कान मेकहा..रानी..िदल नही
भरा..और मेरा खड़ा लंड पीछेसेउसकी गांड मेलगा िदया..वो िकचेन मेखाना बना रही थी..उसने
मेरेलंड पर अपनी गांड को दबाया और कहा..तुमनेमेरी चूत की जो हालत कर दी है....अभी भी
उसमेसेपानी िनकल रहा है..मैं पैंटी भी नही पहन पा रही हूँ...मुझेनंगी ही घूमना पड़ रहा है..और
बाल नही होनेसेऔर भी अजीब लग रहा है..,.मेरा लंड..येसुनकर और कड़क हो गया..जो उसने
भी महसूस िकया.. मैंनेसामनेहाथ लेजा कर उसकी चुंिचयों को पकड़ के मसल िदया..और
उसकी चूत पर हाथ लेजा कर दबाया..उसके मुंह सेआऊच..आह..संजू..ददर् है.., मैं और कुछ करता
तभी उसके पित सुधीर की आवाज़ आई..अन्नू..मुझेभूख लगी है.., हाँरुको..अभी लगाती हूँ
खाना.., और वो बडबडाई..इसेिसफ़र् पेट की भूख लगती है..पेट के नीचेकी कोई परवाह नही है..मैं
िकचेन सेबाहर िनकल आया..शाम को वो मेरेकमरेमेआई..और मैंनेउसेझपट के पकड़
िलया..और कस के चूमनेलगा...उसनेभी साथ िदया..मुझसेकहनेलगी..संजूआज रात मेतुम्हारे
इस कमरेमेमेरी चुदाई करना..मैंनेपूंछा "रात मेतो तुम सुधीर के साथ सोनेवाली हो.." उसने
कहा नही आज मैं उसेनीद की गोली दंगू ी या िफ़र ज्यादा दारु 􀇒पला दंगू ी..िफ़र वो सुबह आठ बजे
सेपहलेनही उठेगा...िफ़र तुम रात भर मेरी चूत की चुदाई करना..उसकी इस बात सेमेरा लंड
िकसी मोटेऔर लंबेनाग जैसा फनफना गया..उसनेमेरेलंड को पुचकारा..और कहा..आज रात मे
तेरी पूरी प्यास बुझा दंगू ी.आज की रात धमाल चुदाई होगी..रात भर..पूरी रात रंगीन कर दंगू ी राजा
.मैंनेभी उसेचूमा और उसकी चंुची और गांड को मसला..रात मेउसनेसुधीर को दारू पीतेहुए
ज्यादा दारू 􀇒पलादी..वो 􀇒बना खाना खाए सोफे पर ही बेहोश हो गया..िफ़र मैंनेऔर अनािमका ने
उसेबेडरूम मेलेजा कर सुलाया..मेरेना और 􀇒पताजी अपनेरूम मेपहलेही सो गए थेवो भी
थोडी देर अपनेपित के रूम मेरुकी..मैं अपनेरूम मेआ गया..मेरा लंड काबूमेनही था.. आज
उसकी मोटाई और लम्बाई कुछ ज्यादा ही लग रही थी..करीब 11 बजेवो मेरेकमरेमेआई..उस
समय तक सभी गहरी नींद मेथे..मेरा रूम ऊपर वालेमंिजल पर है.और मेरेरूम मेबाथरूम भी
है..िजसमेबाथटब इसिलए मुझेनीचेजानेकी जरुरत ही नही होती..वैसेसभी रूम मेबाथरूम है
इसिलए रात मेकोई अपनेरूम सेबाहर नही िनकलता मैंनेदेखा उसनेजींस पँन्ट और शटर् पहना
था..मैंनेपहली बार उसेइस सेस मेदेखा .. बहुत सेक्सी लग रही थी..आतेही वो मुझसेिलपट गई
और मुझेिकस करना शुरू कर िदया.. मैंनेभी उसेकस के अपनेसेिचपका िलया उसके पीठ और
गांड पर हाथ सेदबानेलगा..पूरेशरीर पर मैंनेहाथ फेरा..सहलाया .िफ़र मेरेहाथ उसके ःतनों पर
आ गए..उसके होंठ अभी भी मेरेहोंठो सेजुड़ेहुए थे...मैंनेउससेपंूछा .."रानी सुबह की चुदाई कैसी
थी"?उसनेकहा.."आज तुमनेमुझेजो सुख िदया उसके सपनेमैं जब सेजवान हुयी तब सेदेखती
थी..और उसी के िलए तो मैं िफ़र सेचुदवानेआयी हूँ...तुम्हारा येमोटा लडं ..आज इसनेमेरी सही
तरीके सेसील तोडी है..इतना खून तो मेरी सुहागरात की चुदाई मेभी नही िनकला था..मैंनेउसके
पूरेकपडेिनकाल िदए ..उसनेॄा और पैंटी नही पहनी थी..उसके गोरेगोरेचुंिचयों पर सुबह के
िनशान थेलाल रंग के..मैंनेउसके िनपल मुह मेभर िलए और अब उसकी ःतनों को बहुत ही
बेरहमी सेदबाया..वो कराह उठी..आह..धीरे..अभी भी ददर् है..राजा..मैंनेअनसुना िकया और िनपल
पर हलके सेकाट िलया. .उसके मुंह सेआउउच....उफ़...संजू..लेिकन उसनेमेरा िसर अपनेःतनों
के ऊपर जोर सेदबा िलया..मैंनेहलके सेजीभ सेिनपल और चुंिचयों को चाटा ..और उसकी
िचकनी चूत पर हाथ फेरा थोड़ा दबाया..उसके मुंह सेउईई.ई..ई..ई.ई.. ई..ई.. ..
ई...ई...ई.ई.ई.ई...ई..िनकल गया..मैंनेपंूछा क्या हुआ? उसनेकहा बहुत ददर् है..मैंनेअब उसके पेट
को िकस करनेलगा..जीभ सेचाटा ..मैंनेउसेबेड पर िलटाया..और उसके पेट पर हाथ से
सहलाया.. उसनेमेरी लुंगी खींच के खोल दी और लंड को अपनेहाथ मेलेिलया..और उसेिकस
करनेलगी..मैं उसकी चूत की तरफ़ मुंह लेगया..उसके गोरेगोरेजांघों को फैलाया..ओह..उसकी
चूत फूल गई थी,,और लाल लग रही थी..लेिकन उसका जूस बाहर िनकल रहा था..चूत का दाना भी
फुला हुआ था..और बाहर िसर िनकालेहुए था..पैरों को और फैलातेहुए मैंनेपहलेउसकी जांघों को
चूमा..चाटा. .िफ़र दानेको अंगूठेसेरगडा..वो मचलनेलगी.. अब मैंनेचूत की दरार को
फैलाया..ओअह..चूत का मुंह तो खुला था सुबह की चुदाई सेलेिकन 2-3 जगह सेवो कट गई
थी..और वहाँखून बाहर आ रहा था..मैंनेधीरेसेअपनी जीभ चूत मेडाली..और िफ़र उसके जूस को
चाटनेलगा..उसनेभी अब मेरेलंड को मुंह मेलेिलया..मैंनेउसेअपनेऊपर खीच िलया..उसनेपैर
मेरेिसर के दोनों तरफ़ फैला िदए..उसकी चूत मेरेमुंह के ठीक ऊपर आ गई..मैंनेचूत की फांक को
फैलातेहुए पूरी जीभ उसकी चूत मेडाल दी और गोल गोल घुमानेलगा..मेरेइस तरह चाटनेसे
उसनेचूत को मेरेमंुह पर दबातेहुए अपना पानी िनकाल िदया..उसकी चूत का पानी बहुत ही
ःवािद􀆴, नमकीन और िचप िचपा था..मेरा पुरा चेहरा भर गया..वो जल्दी सेउठ कर बैठ गई..और
मेरेलंड के दोनों तरफ़ पैर फैला कर लंड को सहलानेलगी..िफ़र धीरेसेउसको अपनी चूत से
सताया..और रगड़नेलगी..मैंनेकहा इसेअन्दर लो..इसके ऊपर बैठो..उसनेकहा बहुत मोटा है..ददर्
होगा.मैंनेिसरहानेरखी हुई बीम की बोतल उसेिदया...उसनेमेरेलंड पर अच्छेसेलगाया..और
िफ़र उसके ऊपर बैठी..िसफ़र् सुपाड़ा ही उसनेअन्दर िलया और चीख पड़ी...ओह..माँ.मर
गई..ई.ई.ई.ई.ई..ई. लेिकन..मैं नही रुका और मैंनेनीचेसेधक्का िदया मेरा आधा लंड अन्दर हो
गया..उसेबहुत ददर् हुआ...वो मेरेसीनेपर लेट गयी..मैं उसेचूमनेलगा...मैं नीचेसेहलके हलके
धक्के लगा रहा था..उसकी चूत पानी छोड़ रही थी.. और इससेलंड को अन्दर जानेमी सहूिलयत
हो रही थी.उसके मंुह सेभी अब..आअह..ओअह. इश..हुश. .हुश..उफ़ की आवाज़ िनकल रही थी.....
मैंनेमौके का फायदा उठाया और उसकी गांड को कस के पकड़ के बहुत ही जोरदार झटका िदया
और पुरा लंड अन्दर कर िदया..वो िहल भी नही पाई..लेिकन बड़ेजोर सेिचल्लाई..संजू...क्या कर
िदया मर गयी. उफ्फ्फ्फ़. .इतना अन्दर..लेिकन थोडी देर के बाद वो ख़ुद अपनी गांड िहलातेहुए
मुझेचोदनेलगी उसके मंुह सेिससिकयाँऔर आँख सेआंसूिनकल रहेथे... . स.्स.्स.् स.्स.्.
हुश..हुश..हुश..आअहा..िकतना मजा आ रहा है..ओह संजय तुमनेमुझेमहसूस करवाया की असली
मदर् क्या होता है..क्या मदार्ना लंड है..मेरी चूत की तमन्ना पूरी हो गई आज.. और कमरेमी
फच्च..फचाक्क की आवाज़ गूंज रही थी क्युकी मैं भी नीचेसेझटके लगा रहा था...वो लेनही पा
रही थी..अभी भी ददर् हो रहा था..लेिकन चूत मी घुसेमूसल का मजा उसेरोके हुए था..और करीब ५
िमिनट मी ही उसनेचूत को लंड पर जोर जोर सेपटकना शुरू
िकया..और..हाय..हाय...हाय..ओह..माँ..मैं गयी. ई.ई...ई.ई. .. करतेहुए मुझसेजोर सेिलपट गयी
उसकी चुिन्चयाँमेरेसीनेसेदब रही थी..और चूत मी पूरा लंड घुसा हुआ था.. ..उसकी चूत का जूस
मेरेलंड सेबहता हुआ मेरी गोिटयों को गीला कर रहा था..और अब वो एकदम शांत हो गई थी..मैंने
उसेअपनेनीचेिलया..मेरा लंड उसकी चूत मेही था..उसेमैंनेपलंग के िकनारेपर खींचा..पैर नीचे
लटकाए. .मैं ख़ुद नीचेखड़ा हो गया..मैंनेदेखा मेरेलंड पर अब भी थोड़ेखून के दाग लगेहै..शायद
उसकी चूत िफ़र िछल गई थी.. उसके पैर नीचेलटक रहेथेऔर कमर तक का नंगा बदन बेड पर
था.. उसकी मांसल जांघे..और उसके बीच चमचमाती चूत.. मेरी हालत तो दीवानेजैसी हो रही थी..
मैंनेउसके पैरों को फैलाया..उसकी चुिन्चयाँमसलेजानेसेलाल हो गई थी..होंठ भी चूमनेसेफूल
गए थेऔर िनचला होंठ तो एकदम लाल लग रहा था....येसब देख कर मेरा लंड और जोश मेआ
गया ..मैंनेउसके पैरों को हवा मेउठायेगांड ऊपर करके नीचेएक तिकया लगाया..िजससेचूत
ऊपर उठ गई और खुल गई...लंड को गांड और चूत पर सहलाया..िफ़र चूत के मुंह पर रखा..चूत
एकदम गीली थी.छेद पर रख कर मैंनेउसके िनपल मुंह मेिलए और कमर को दबाया. ".फःस"
की आवाज़ के साथ सुपाड़ा सिहत आधा लंड चूत मेसमांगया...अब मैंनेिनपल चूसतेहुए और
चंुची मसलतेहुए धीरेधीरेलंड को अन्दर डालना शुरू िकया ..थोड़ा सा बाकी था..मैं इतनेमेही
कमर िहला के उसेचोदनेलगा..करीब दस िमिनट ऐसा करनेके बाद वो भी नीचेसेकमर िहलाने
लगी...और िफ़र पैरों को मेरेकमर के पास ला कर कैं ची की तरह जकड िलया . .संजू..करो..और
करो.मार डाला तूनेसंजूऔर मार लेलेतेरी ही है..वो जोर जोर सेिचल्ला रही थी..मुझेडर लगा की
इसकी आवाज़ सुन कर कोई ऊपर ना आ जाए..मैंनेउसेइशारा िकया..लेिकन वो नही मानी..उसने
कहा तुम मुझेछोड़ो मेरेराजा..पहली बार िजंदगी मेचुदाई का मजा लेरही हूँ...मैंनेभी अब पूरा
लंड बाहर खींच कर एक रामपुरी झटका मारा और पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत मेउतार
िदया..इससेवो दहल गई और उसका पूरा शरीर लरज़ गया , लेिकन इसी धक्के के साथ उसकी
चूत नेभी िफ़र सेपानी छोड़ िदया..इस बार काफी जोर सेउसका पानी िनकला िजसेमैंनेअपने
लंड पर गरम गरम महसूस िकया..मेरेधक्को की ःपीड बढ़ गई..मेरेधक्के सेउसके ःतन जोर
जोर सेिहल रहेथेऔर मैं दोनों हाथों सेउन्हें मसल रहा था..अब मेरेरुकनेका सवाल ही नही
था.करीब २५ िमिनट ऐसेही चोदनेके बाद मैंनेउससेकहाँ ..मेरी रानी..मेरा पानी िनकलनेवाला
है..आह..मैंनेउसेकस के पकड़ा कन्धों सेऔर लंड को जड़ तक घुसेड कर उसकी चूत मेमेरेलावे
का फौवारा छोड़ िदया..चूत पूरी भर गई..और वो भी इसकी गम􀈸 और मेरे􀇒पचकारी सेमेरेसाथ ही
िफ़र सेएक बार झड़ गई....हाय मेरेराजा.. कहतेहुए मुझसेिलपट गई...उसके बाद हम दोनों
बाथरूम मेगए ..एक दसू रेको साफ िकया..उसके बाद मैंनेउसेडौगी ःटाइल मेभी चोदा..रात के 3
बजेतक और 2 बार अच्छेसेचोदा..उसके बाद वो िकसी तरह अपनेपित के कमरेमेगई..उससे
चला भी नही जा रहा था.. मैंनेउसेिकसी तरह उठा के खड़ा िकया..चूत तो फूलकर एकदम डबल
रोटी बन गई थी..उसके बाद वो िजतनेिदन हमारेघर पर रही मैंनेउसेहर रात चोदा..िफ़र मेरे
भाभी और भै􀃡या आ गए.. अगलेिदन वो अपनेपित के साथ चली गई..िफ़र उसनेमुझेएक पऽ
िलखा की वो मेरेबच्चेकी माँबननेवाली है..बच्चा होनेकी ख़बर सुनकर मैं उसके घर गया..उसी
व􀆠 सुधीर को टूर पर मुम्बई जाना पड़ा ४ िदन के िलए..मैंनेिफ़र से४ िदन उसेिदन रात
चोदा..लौट के आनेके बाद भाभी की हरी झंडी िमल गई..असल मेभाभी के हाथ अनािमका का
..बच्चा होनेवाला पऽ लग गया था मेरेरूम से..उन्होंनेमुझसेपूंछा..मैंनेसब बताया..असल मेमैं
भी यही चाहता था..अब भाभी की चुदाई मैंनेउसी िदन दोपहर मेकी मेरेलंड को िफ़र खून की
􀇒पचकारी का सामना करना पड़ा

No comments:

Post a Comment